Vishnu Deo Sai : विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री हैं। वे 10 दिसंबर, 2023 को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए। Vishnu Deo Sai एक आदिवासी नेता हैं और वे रायगढ़ से चार बार सांसद रह चुके हैं। वे नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं।
साय का जन्म 10 जुलाई, 1956 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने रायगढ़ विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
विष्णुदेव साय भाजपा में कब से जुड़े है
Vishnudev say राजनीति में सक्रिय होने से पहले एक शिक्षक थे। उन्होंने 1993 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और 1999 में पहली बार रायगढ़ से लोकसभा के लिए चुने गए। साय ने भाजपा के लिए कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वे भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष और भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
2014 में, Vishnudev sai को नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इस पद पर दो साल तक कार्य किया। साय एक अनुभवी और कुशल नेता हैं। उनके पास आदिवासी मामलों में विशेषज्ञता है। उन्हें उम्मीद है कि वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
साय के मुख्यमंत्री बनने पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय में खुशी की लहर है। उन्हें उम्मीद है कि साय आदिवासी समुदाय के विकास के लिए काम करेंगे। साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का भविष्य क्या होगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि साय एक अनुभवी और कुशल नेता हैं और उनके पास राज्य के विकास के लिए एक मजबूत योजना है।
विष्णु देव साई और आरआरएस का रिश्ता
विष्णुदेव साय का RSS से गहरा लगाव है। वे RSS के एक सक्रिय सदस्य हैं और उन्होंने RSS के कई कार्यक्रमों में भाग लिया है। वे RSS के विचारधारा से प्रभावित हैं और वे RSS के सिद्धांतों को अपने राजनीतिक जीवन में लागू करने का प्रयास करते हैं।
साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत RSS के माध्यम से की थी। वे RSS के युवा संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे। उन्होंने ABVP के माध्यम से छात्र राजनीति में सक्रियता दिखाई और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
साय ने RSS के माध्यम से आदिवासी समुदाय के विकास के लिए भी काम किया है। उन्होंने RSS के आदिवासी संगठन, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (AIATP) के सदस्य के रूप में आदिवासी समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने का काम किया है।
साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद, उनके RSS से जुड़े होने के कारण उन्हें लेकर कुछ विवाद भी हुआ था। कुछ लोगों का कहना था कि साय एक RSS नेता हैं और वे RSS के एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। हालांकि, साय ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वे एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं और वे किसी भी संगठन के एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाएंगे।
साय के RSS से जुड़े होने के बावजूद, उन्हें एक कुशल और अनुभवी नेता माना जाता है। उन्हें उम्मीद है कि वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
साय के RSS से जुड़े होने के कुछ कारण निम्नलिखित हैं:
- साय का जन्म एक आदिवासी परिवार में हुआ था। RSS आदिवासी समुदाय के विकास के लिए काम करता है। इसलिए, साय ने RSS को एक ऐसा संगठन माना जो उनके समुदाय के हितों को आगे बढ़ा सकता है।
- साय एक अनुभवी राजनेता हैं। उन्होंने RSS के माध्यम से राजनीति में सक्रियता दिखाई है। इसलिए, उन्हें RSS के विचारधारा और सिद्धांतों से अच्छी तरह से परिचित है।
- साय एक सक्षम नेता हैं। उन्होंने RSS के माध्यम से आदिवासी समुदाय के विकास के लिए काम किया है। इसलिए, उन्हें उम्मीद है कि वे RSS के सिद्धांतों को अपने राजनीतिक जीवन में लागू करके छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।