इंडियन आर्मी में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर शामिल होने के लिए दो तरीके हैं:
एनईईटी परीक्षा के माध्यम से
इस तरीके में, उम्मीदवार को 12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान (PCB) विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके बाद, उम्मीदवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) पास करनी होगी। NEET पास करने वाले उम्मीदवारों को आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे में प्रवेश के लिए आवेदन करने का मौका मिलता है। AFMC एक पांच साल का एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रदान करता है। AFMC से एमबीबीएस पूरा करने वाले उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर स्थायी कमीशन दिया जाता है।
एमबीबीएस डिग्री के साथ
इस तरीके में, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए। इसके बाद, उम्मीदवार को इंडियन आर्मी की वेबसाइट पर उपलब्ध भर्ती विज्ञापनों के माध्यम से आवेदन करना होगा। इंडियन आर्मी द्वारा आयोजित मेडिकल टेस्ट और साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर शॉर्ट सर्विस कमीशन दिया जाता है। शॉर्ट सर्विस कमीशन की अवधि पांच साल होती है, जिसे दो साल के लिए पांच साल और फिर चार साल के लिए पांच साल बढ़ाया जा सकता है।
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए योग्यता
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए आवश्यक योग्यताएं इस प्रकार हैं:
- भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- अविवाहित होना चाहिए।
- 12वीं में PCB विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।
- NEET परीक्षा पास करना चाहिए (केवल NEET के माध्यम से भर्ती के लिए)।
- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करना चाहिए (केवल एमबीबीएस डिग्री के साथ भर्ती के लिए)।
- कम से कम 17 वर्ष और अधिकतम 21 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- ऑनलाइन आवेदन: उम्मीदवारों को इंडियन आर्मी की वेबसाइट पर उपलब्ध भर्ती विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- लिखित परीक्षा: उम्मीदवारों को एक लिखित परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेजी और विज्ञान पर आधारित होती है।
- मेडिकल टेस्ट: उम्मीदवारों को एक मेडिकल टेस्ट देना होगा। इस टेस्ट में शारीरिक परीक्षण, दृष्टि परीक्षण, श्रवण परीक्षण और अन्य परीक्षण शामिल होते हैं।
- साक्षात्कार: उम्मीदवारों को एक साक्षात्कार देना होगा। इस साक्षात्कार में उम्मीदवार की योग्यता, क्षमता और व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है।
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए वेतन और भत्ते
आर्मी मेडिकल ऑफिसर को निम्नलिखित वेतन और भत्ते दिए जाते हैं:
- वेतन: इंडियन आर्मी मेडिकल ऑफिसर को भारतीय सेना के नियमों के अनुसार वेतन दिया जाता है।
- भत्ते: इंडियन आर्मी मेडिकल ऑफिसर को निम्नलिखित भत्ते दिए जाते हैं:
- निवास भत्ता
- यात्रा भत्ता
- चिकित्सा भत्ता
- परिवार भत्ता
- अन्य भत्ते
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए करियर अवसर
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए करियर अवसर बहुत अच्छे हैं। इंडियन आर्मी में मेडिकल ऑफिसरों को विभिन्न प्रकार के पदों पर नियुक्त किया जाता है। इनमें शामिल हैं:
- क्लिनिकल ऑफिसर: ये ऑफिसर अस्पतालों, क्लीनिकों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं में रोगियों का इलाज करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के चिकित्सा क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, स्त्री रोग, बाल चिकित्सा, और अन्य।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी: ये ऑफिसर सैनिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। वे स्वास्थ्य शिक्षा और प्रचार, रोग नियंत्रण और रोकथाम, और अन्य क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
- सैन्य चिकित्सा शिक्षा अधिकारी: ये ऑफिसर सैनिकों को चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। वे सैन्य चिकित्सा कॉलेजों और स्कूलों में शिक्षक, प्रशिक्षक, और सलाहकार के रूप में काम कर सकते हैं।
- सैन्य चिकित्सा अनुसंधान अधिकारी: ये ऑफिसर सैन्य चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान करते हैं। वे नए चिकित्सा उपचारों, उपकरणों, और प्रथाओं को विकसित करने के लिए काम कर सकते हैं।
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के करियर में आगे बढ़ने के लिए, ऑफिसर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं। ये कार्यक्रम ऑफिसरों को अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने और अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के लिए कुछ चुनौतियां
आर्मी मेडिकल ऑफिसर के करियर में कुछ चुनौतियां भी शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:
- सैन्य जीवन: आर्मी मेडिकल ऑफिसरों को सैन्य जीवन के अनुकूल होना चाहिए। इसमें लंबे समय तक तैनाती, तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करना, और अन्य सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है।
- चिकित्सा पेशे: आर्मी मेडिकल ऑफिसरों को चिकित्सा पेशे की नैतिकता और मानकों का पालन करना चाहिए। उन्हें रोगियों की गोपनीयता की रक्षा करने और उनकी देखभाल के लिए उच्चतम मानकों को बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए।