मध्यप्रदेश में ‘लाडली बहना योजना’ के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली कुछ महिलाओं पर धोखाधड़ी का खतरा बढ़ रहा है। इस कारण, भोपाल में 123 महिलाएं ने योजना की सूची से अपना नाम हटवा दिया है, जबकि पूरे मध्यप्रदेश में कुल 4000 महिलाएं महिलाओ ने इस स्कीम से अपना नाम कटवा किया है। और अभी इस संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है।
लाडली बहना योजना से नाम कटवाने का क्या है कारण
मध्य प्रदेश में, मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए महिलाएं एक शपथ पत्र भरती हैं। यह शपत पत्र योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है और महिलाएं इसमें घोषणा करती हैं कि उन्होंने योजना से संबंधित सभी जानकारी और शर्तों को समझ लिया है और वे सभी शर्तों का पालन करेंगी। वे सुनिश्चित करती हैं कि सभी दस्तावेज और जानकारी सही हैं। अगर कोई जानकारी या दस्तावेज गलत होते हैं, तो इसकी जिम्मेदार वह स्वयं होंगी।
जैसा की आपको पता ही है की अब इस स्किम के तहत महिलाओ को योजना का लाभ मिल रहा है और ₹1000 में ₹250 की वृद्धि भी कर दी गयी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की सहायता राशि को ₹3000 तक किया जायेगा। साथ ही लाडली बहना योजना की पात्र महिलाओं को अन्य तरह के लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की है। ऐसे में अब बहुत से लोगो को अपने पड़ोसियों से शिकायत है की ये गलत तरीके से योजना का लाभ उठा रहे है।
इसलिए अब कई मामले जांच की प्रक्रिया में आ सकते हैं। नियमानुसार, यदि कोई शपथ पत्र में गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जिसमें 10 साल तक की सजा का प्रावधान भी है। इसके कारण, कई महिलाएं अपने नाम इस योजना से अलग करवा रही है।
कौन कौन महिलाएं लाडली बहना योजना का लाभ नहीं ले सकती है
सरकार ने लाड़ली बहना योजना का लाभ कौन ले सकता है और कौन नहीं उसके लिए नियम बनाये है।
- वह महिलाएं अपात्र है जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹250,000 से अधिक है।
- वह महिलाएं अपात्र है जिनके परिवार में किसी भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी हो।
- वह महिलाएं अपात्र है जिनके परिवार में किसी भी व्यक्ति को पेंशन मिलती हो।
- अगर महिला उस संयुक्त परिवार से है जिनकी 5 एकड़ से अधिक ज़मीन है।
- वह महिलाएं अपात्र है जो किसी भी केंद्र या राज्य सरकार की अन्य योजना का लाभ ले रही है।